बदलती संस्कृति-हंसराज हंस
भारतीय संस्कृति पूरी दुनिया में जानी व मानी जाती थी। क्योंकि हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम की र…
भारतीय संस्कृति पूरी दुनिया में जानी व मानी जाती थी। क्योंकि हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम की र…
गांव से आए हो बताओ क्या हाल है मेरे गांव के क्या अब भी वैसा ही है मेरा गांव । पगडंडियां …
कब तक करोगे भ्रूण हत्या कब तक मारोगे मां की कोख पर लात कब तक रोकोगे इंसान के जन्म को तुम …
दर्द मीठा होता है बात कड़वी होती है कभी कभी बात मीठी होती है दर्द कड़वा होता है कड़वे दर्द क…
बड़ी बेरहमी से पीटी जा रही थी एक लड़की शिकारी को अत्यंत थका देने के बाद पीटा जाता है जैसे …
अतुल्य हिन्दी के मंच से कौशल किशोर का काव्यपाठ यू-ट्यूब पर सुना। इसका संजीव प्रसारण इसी मंच से क…
डर कर मौत को गले लगाना क्यों। मर के मसला कभी हल नहीं होता।। जंग जिंदगी का ताउम्र जारी रखना। …
आओ धरती पर स्वर्ग बनाएं ढूंढ लाए कहीं से कान्हा सुदामा को अपना दोस्त बनाएं। थोड़ी सी ले…
कवि विजेन्द्र की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा वे जनवादी धारा और अग्रगामी चेतना के कवि थे लखनऊ। …
सच मानिए एक औरत मेरे भीतर हमेशा से रहती है। कभी बहुत प्यारी सी कभी बहुत क्रूर कभी कपड़ों …
पैट्रोल बना शताब्दी। डीजल भी है तैयार।। दिनों दिन बढ़ रहा। जेब से हो रहा पार।। मांग होवे तो दर ब…
हिन्दी अनुवाद उपलब्ध 👇 Whatever you may have For an abode Keep a corner Ear marked For Laughin…
कवि जी.एल. चित्रकूटी पहाड़ निरंतर छलनी हो रहे हैं नदियों की प्यास गहराती जा रही है पेड़ भयानक …
पगडंडिया अपनी पदचाप सुनना मुड़कर अपने पैरों के निशान देखना कितना मधुर लगता है । झाड़ियों से…
बाइक स्कूटी मोटरकार। चक्के सबके दो दो चार।। जेब लूट ली कोरोना ने।। खड़े पंक्चर हुए बेकार।। बार…
बच्चे स्वभाव से ही चंचल होते है। उनकी इस चंचलता को दिशा देने की बहुत जरूरत होती है। बच्चे एक …